
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय वायुसेना ने एक ऐसी मिसाइल को हवा में ही नष्ट कर दिया, जिसे पाकिस्तान ने चीन से हासिल किया था। ये मिसाइल थी PL-15E, जिसे पहली बार किसी असली जंग के हालात में इस्तेमाल किया गया। लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम के सामने यह ज्यादा देर टिक नहीं पाई। इसे बीच आसमान में ही मार गिराया गया। अब इस मिसाइल के मलबे की वजह से चीन की सैन्य तकनीक पर दुनिया भर में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
पंजाब के खेत में मिला चीन का राज़
9 मई को पंजाब के होशियारपुर जिले के एक खेत में यह मिसाइल टूटी हुई हालत में मिली थी। 12 मई को भारतीय वायुसेना ने इसे प्रेस के सामने पेश किया। मिसाइल की बनावट, तकनीक और रडार सिस्टम को लेकर अब गहन जांच की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस PL-15E मिसाइल को JF-17 फाइटर जेट से दागा गया था, लेकिन भारतीय सिस्टम ने इसे लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही खत्म कर दिया।
सात देशों की नज़र मलबे पर
अब इस मिसाइल के टुकड़ों को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, फ्रांस और जापान ने भारत से संपर्क किया है। इन देशों को इस चीनी तकनीक में गहरी दिलचस्पी है। वे जानना चाहते हैं कि चीन ने इस मिसाइल को बनाने में किन तकनीकों का इस्तेमाल किया और उसकी क्षमताएं कितनी प्रभावी हैं।
मलबे से मिल सकती हैं अहम जानकारियाँ
भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मलबा अच्छी हालत में हुआ, तो इससे चीन की सैन्य तकनीक के कई राज़ खुल सकते हैं, जैसे:
- मिसाइल का रडार किस तरह काम करता है
- मोटर की बनावट और ताकत
- गाइडेंस सिस्टम की दिशा निर्देश तकनीक
- AESA रडार जैसी आधुनिक प्रणालियों की कार्यशैली
क्यों खास है यह घटना?
यह सिर्फ एक मिसाइल को मार गिराने की घटना नहीं है। यह भारत की रक्षा ताकत, रणनीतिक तैयारियों और वैश्विक स्तर पर तकनीकी समझ का प्रदर्शन है। और अब जब दुनिया की बड़ी ताक़तें इस मलबे की मांग कर रही हैं, तो ये साफ है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, चीन की सैन्य छवि को भी झटका दिया है।
'